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    वारासिवनी नगर पालिका परिषद में दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों की प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज कराये बिना सीधे मस्टरोल बनाकर उन्हें भुगतान किया जा रहा

    आनंद ताम्रकार
    बालाघाट २७ मई ;अभी तक ; जिले के वारासिवनी नगर पालिका परिषद में नगर पालिका अधिनियम एवं प्रचलित कानून कायदों को ताक में रखकर कार्य संचालित किया जा रहा है।  दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों की प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज कराये बिना सीधे मस्टरोल बनाकर उन्हें भुगतान किया जा रहा है।
                                  यह उल्लेखनीय है की नगर पालिका परिषद में 150 से अधिक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है इन कर्मचारियों की दैनिक उपस्थिति पृथक से संधारित नही की जाती है। इन विसंगतियों के चलते आधे से ज्यादा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी घर बैठे बिना परिशद अथवा कार्य पर पहुंचे नगर पालिका से वेतन पा रहे है। यह सिलसिला कई वर्षों से अनवरत चल रहा है।
                              सहायक लोक सूचना अधिकारी नगर पालिका परिषद वारासिवनी द्वारा पत्र 424 दिनांक 24 फरवरी 2024 के माध्यम से 1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक मस्टररोल की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये यह अवगत कराया की दैनिक वेतन श्रमिकों की दैनिक उपस्थिति मस्टर रोल में संधारित की जाती है।
                                   इस तारतम्य में पत्र क्रमांक 1452 दिनांक 17/05/2023 के माध्यम से निकाय में कार्यरत 212 दैनिक वेतन श्रमिकों की सूची एवं माह नवंबर दिसंबर 2022 जनवरी, फरवरी, मार्च 2023 की सत्यप्रति उपलब्ध कराते हुये लोक सूचना अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है की दैनिक वेतन श्रमिकों की हाजरी प्रतिदिन मस्टर रोल में संधारित की जाती है।
                                           यह उल्लेखनीय है की जिले की ही अन्य नगर पालिकाओं में दैनिक वेतनभोगी  श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज कराये जाने हेतु पृथक से रजिस्टर संधारित किया जाता है एवं उपस्थिति की पुश्टि के लिये उनके फिंगरप्रिंट भी लिये जाते है। नगर पालिका बालाघाट में प्रत्येक विभाग में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज कराये जाने के लिये पृथक पृथक रजिस्टर बनाये गये है।  लांजी और कटंगी तथा बैहर,मोहगांव मलाजखंड नगर पालिका में ऐसी ही प्रक्रिया अपनाये जाने की जानकारी मिली है।
                                  परिषद की ओर से जिन 212 दैनिक भोगी श्रमिकों की जो सूची उपलब्ध कराई गई उनमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों के परिजन पूर्व पार्षद के रिश्तेदार तथा नेताओं के अमले में चलने वाले लोगों के नाम दर्ज है। इनमें से ज्यादातर लोग कार्यालय जाते नही उन्हें घर बैठे बिना काम किये नगर पालिका से वेतन दिया जा रहा है। इन विसंगतियों के चलते परिषद द्वारा प्रतिमाह 1 लाख रुपये की राशि वितरित किया जाना बताया जा रहा है।
                                      इस संबंध में की गई शिकायत के आधार पर तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुश्री कामिनी ठाकूर द्वारा लालबर्रा के तहसीलदार के नेतृत्व में एक जांच दल बनाया था जिसे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के उपस्थिति एवं उन्हें किये जा रहे भुगतान की जांच की जानी थी लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद राजनीतिक दबाव के चलते जांच कार्य ठंडे बस्ते में डाल दिया।
                                     नगर पालिका अधिनियम में दिए गए प्रावधानों के अनुसार दैनिक वेतनभोगी,कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज कराये जाने के लिए एक प्रारूप सुनिश्चित किया गया है जिसमें नियमित उपस्थिति दर्ज कराई जानी है लेकिन नियमों को ताक में रखकर बिना पृथक से उपस्थिति दर्ज कराये सीधे मस्टर रोल में एक माह की उपस्थिति दर्ज कर भुगतान किया जा रहा है।
                                            श्रमिक मस्टर रोल में केवल एक हस्ताक्षर कर वेतन आहरण कर रहे है इस फर्जीवाड़े के चलते नगर पालिका परिषद को लाखों रुपये का चूना अब तक लग चुका है इस मामले की जांच कर फर्जी भुगतान करने वाले अधिकारी उपयंत्री एवं फर्जी भुगतान प्राप्त करने वाले श्रमिकों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिये।

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