More
    Homeमनोरंजनहेमा मालिनी ने बताया जल्दबाजी में क्यों हुआ धर्मेंद्र का अंतिम संस्कार,...

    हेमा मालिनी ने बताया जल्दबाजी में क्यों हुआ धर्मेंद्र का अंतिम संस्कार, फिल्ममेकर से बोलीं- ‘उन्हें उस हाल में…’

    धर्मेंद्र ने पिछले हफ्ते 24 नवंबर को इस दुनिया को अलविदा कह दिया और उनके निधन के गम से अब भी उनका परिवार और फैंस बाहर नहीं आ सके हैं। अब हेमा मालिनी ने बताया है कि आखिर फैंस को ही-मैन के आखिरी दर्शन क्यों नहीं मिले।

    हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े स्टार्स में से एक धर्मेंद्र का 24 नवंबर को निधन हो गया, जिसके बाद देओल परिवार ने बेहद शांति के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी। अपने 90वें जन्मदिन से कुछ दिन पहले उन्होंने अपने मुंबई स्थित घर में परिवार के बीच अंतिम सांस ली। उनके निधन के गम से से अब भी उनका परिवार और फैंस बाहर नहीं आ पाए हैं। धर्मेंद्र के निधन और अंतिम संस्कार के बाद उनके फैंस के कुछ वीडियो भी सामने आए, जिसमें वह इस बात को लेकर बेहद दुखी नजर आए कि वह आखिरी बार अपने फेवरेट स्टार के दर्शन नहीं कर सके। अब हेमा मालिनी ने एक फिल्ममेकर से बातचीत में बताया कि आखिर फैंस धर्मेंद्र के आखिरी दर्शन क्यों नहीं कर पाए और इतनी जल्दबाजी में उनका अंतिम संस्कार क्यों हुआ।

    हेमा मालिनी से मिलने पहुंचे हमाद अल रियामी
    यूएई के फिल्ममेकर हमाद अल रेयामी हाल ही में हेमा मालिनी से मिलने उनके घर पहुंचे, जिसकी एक तस्वीर पोस्ट करते हुए उन्होंने हेमा मालिनी से हुई बातचीत का जिक्र किया। उन्होंने अपने पोस्ट में अरबी भाषा में लिखा- ‘शोक के तीसरे दिन, मैं दिवंगत सुपरस्टार धर्मेंद्र की पत्नी, महान अभिनेत्री हेमा मालिनी से मिलने गया। यह पहली बार था जब मैं उनसे आमने-सामने मिला था, हालांकि पहले भी कई मौकों पर मैं उन्हें दूर से ही देख चुका था। लेकिन इस बार कुछ अलग था… एक दर्दनाक, दिल तोड़ देने वाली घटना, ऐसी बात जो लगभग समझ से परे है, चाहे मैं कितनी भी कोशिश करूं।’

    धर्मेंद्र के निधन के बाद हेमा मालिनी का हाल
    उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा- ‘मैं उनके साथ बैठा था और मैं उनके चेहरे पर एक आंतरिक उथल-पुथल देख सकता था जिसे वह बेतहाशा छिपाने की कोशिश कर रही थीं। उन्होंने (हेमा मालिनी ने) कांपती आवाज में मुझसे कहा- “काश मैं उस दिन धर्मेंद्र जी के साथ फार्म पर होती… मैं उन्हें वहां देखने के लिए तरस रही थी।” फिर उन्होंने मुझे बताया कि कैसे वह हमेशा धर्मेंद्र से कहा करती थीं- “आप अपनी खूबसूरत कविताएं और रचनाएं प्रकाशित क्यों नहीं करते?” और वो जवाब में कहते- अभी नहीं, पहले कुछ कविताएं पूरी कर लूं। लेकिन, समय कि गति को कौन रोक सकता है। फिर उन्होंने मुझसे कड़वाहट के साथ कहा- अब अजनबी लोग आएंगे, उनके बारे में लिखेंगे, उनके ऊपर किताब लिखेंगे।’

    हेमा मालिनी को इस बात का है अफसोस
    हमाद अल रेयामी आगे लिखते हैं- ‘उन्होंने गहरे अफसोस के साथ कहा कि उन्हें अफसोस है कि उनके फैंस उनके आखिरी दर्शन नहीं कर पाए। धर्मेंद्र जी कभी भी कमजोर या बीमार नहीं दिखना चाहते थे। वह अपने करीबियों से भी अपना दर्द छुपाते थे। किसी व्यक्ति के जाने के बाद उनसे जुड़ा फैसला परिवारे के हाथ में होता है। लेकिन, जो हुआ वह दया थी, क्योंकि हमाद तुम उन्हें उस तरह नहीं देख सकते थे। उनके अंतिम दिन बहुत ही दर्दनाक थे, दुखदायी… हम भी उन्हें उस तरह से देखना मुश्किल से बर्दाश्त कर पाए थे। बातचीत खत्म हुई.. चाहे कुछ भी हो मेरा प्यार उनके लिए कभी नहीं बदलेगा और उनका प्रभाव कभी कम नहीं होगा। जाते-जाते मैंने हेमा जी से मुश्किल से साथ में एक तस्वीर लेने के लिए कहा, क्योंकि मेरे पास उनके साथ कोई भी तस्वीर नहीं थी।’

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Must Read

    spot_imgspot_imgspot_imgspot_img