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    नेट फ्लिक्स पर जारी 4 भाग की ऐसी सीरीज जिसे सबको देखना चाहिए

    स्वाभिमान शुक्ल
                                        नेट फ्लिक्स पर 4 भाग की सीरीज है।  भास्कर के अनुसार 93 देशों में सबसे ज्यादा देखी जा रही है । ब्रिटिश संसद में इसपर चर्चा की गई और स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार भी किया गया है ।
                                       इस सीरीज को देखने के बाद जब मैंने ऑफिस में इसकी तारीफ करी तो मेरे एक दो सहयोगी जो इसे  आधा या पूरा देख चुके थे, उनकी प्रतिक्रिया विपरीत थी और बेहद स्लो होने की शिकायत भी थी । तब मुझे लगा इस सीरीज के बारे में बात करूं, लिखूं और इस सीरीज को विशिष्ट बनाने वाली खासियतों को लोगों की नजर में लाऊं कि यह सीरीज क्यों देखी जानी चाहिए । इसको देखने से क्या फर्क पड़ेगा और हमारे सोचने का नजरिया किस तरह से बदलेगा, इस पर बात करने का मन हुआ इसलिए इस लिए सीरीज पर बात कर रहा हूं ।
    \"\"                               Adolescence  एक British सीरीज है, नेटफ्लिक्स के लिए इसको चार भागों में बनाया गया है । प्रत्येक भाग लगभग 50-50 मिनट का है और अलग-अलग पहलुओं पर बारीकी से विवरण प्रस्तुत करता है, जिसके कारण कई बार देखने वाले इसको स्लो मानते हैं ।
                                     पहला भाग जब शुरू होता है तो एक ब्रिटिश पुलिस ऑफिसर जो की ब्लैक है, अपने बच्चे से बहुत सुबह बात कर रहा है और उसका बच्चा उसे उस दिन स्कूल न जाने के लिए रिक्वेस्ट कर रहा है, लेकिन पुलिस अधिकारी कहता है कि वह घर पर नहीं रहता है, इन सारी परिस्थितियों पर उसे अपनी मां से डिस्कस करनी चाहिए और उनके ही निर्णय को फॉलो करना चाहिए । बिल्कुल पहला ही सीन स्पष्ट साइकोलॉजी को दर्शाता है की जो व्यक्ति जो कार्य कर रहा है,सबोर्डिनेट्स को उसी से आदेश लेना है ।भारतीय परिवेश में बच्चे बड़े करने में हम एक दूसरे के कार्य क्षेत्र में अनायास,अनजाने ही अतिक्रमण कर देते हैं और बच्चे फायदा उठाकर अनुशासनहीन हो जाते हैं ।  पश्चिम में हथियार सहज रूप से उपलब्ध है और वह कोई भी अपने पास रख सकता है। इसलिए जब पुलिस किसी को गिरफ्तार करने आती है, पकडने आती है तो आसपास के प्रत्येक व्यक्ति को हाथ ऊपर करके,जिससे  हाथ स्पष्ट रूप से दिखें और घुटने के बल बैठने के लिए, सरेंडर करने के लिए कहते हैं ।
                                        इस सीरीज में जब पुलिस 13 वर्षीय सस्पेक्टेड बच्चे को पकड़ने के लिए आती है तो उसी तरह से दरवाजा तोड़कर घर में घुसती है, मां-बाप बहन सभी को एक लाइन में खड़ा करके हाथ ऊपर करके खड़ा करती है और जब बच्चे को पकड़ती है, बच्चा  बंदूक देखता है तो  कपड़ों में सुसु कर देता है, उसको अपनी निगरानी में कपड़े बदलने का मौका भी देती है और एक अपराधी के समान हैंड कफ़ करके पुलिस स्टेशन ले जाया जाता है । सभी विकसित देशों में यह माना जाता है की सरकार,पुलिस, अदालत और अस्पताल आम नागरिक की मदद के लिए हैं और उनकी सुरक्षा के लिए हैं । जबकि भारत में पुलिस अदालत और अस्पताल पहुंचने वाला व्यक्ति सिर्फ ईश्वर से उम्मीद रखता है कि वह उसको बचा लेंगे , वह अपराधी हो ना हो, उसकी हैसियत के हिसाब से उसको न्याय और उपचार उपलब्ध होता है। बच्चों को जब थाने ले जाया जाता है तो उसको बंद करने से पहले पुलिस अधिकारी उसको उसके अधिकारों के बारे में बताता है और यह भी बताता है कि उसके साथ वहां पर किस तरह का व्यवहार किया जाएगा , उसको नर्स आकर के देखेगी, उसको डॉक्टर आकर के देखेंगे, उसकी जांच करेंगे और उसकी सरकार की तरफ से अटॉर्नी या एक वकील भी प्राप्त होगा, जो उसकी इस पूरे प्रकरण में कानूनी मदद करेगा । कानूनी प्रक्रिया में जब पुलिस वाले बच्चे से बयान लेंगे तब वकील के साथ कोई एक अभिभावक वहां पर उपस्थित रह सकेगा और वह अपने बच्चों की प्रत्येक बात को सुन सकेगा और उसकी मदद कर सकेगा ।
                                           पिता बच्चे के साथ रहता है और परिवार एक मत है कि पिता समझदार हैं और बेटे ने जो अपराध नहीं किया है उससे बच्चे का बचा लेंगे। बच्चा निर्दोष है । अटॉर्नी भी बच्चे को सिखाते हैं जवाब किस तरह से देना है और कब जवाब देने से मना कर देना है । एपिसोड के अंत में पुलिस अपराध का साक्ष्य वीडियो दिखाती है जिसमें बच्चा अपनी क्लास मेट का खून बर्बरता पूर्वक चाकू से कर देता है ।  पिता बच्चे के अपराध से शॉक्ड हो जाते हैं । कोई सस्पेंस नहीं है पहले एपिसोड में ही ट्रुथ सामने आ जाता है । लगता है अब आगे के भाग में क्या तो होगा ।
                                        दूसरा एपिसोड स्कूल का है । जहां अपराधी और विक्टिम पढ़ते रहे हैं । बच्चों को लड़की के मरने की खबर है और संकेतों में बात भी कर रहे हैं । अपराधी जैमी के दोस्त सतर्क हैं और बचने के प्रयास में हैं । पुलिस जब बात करती है बच्चों द्वारा किया गया बर्ताव यह बतलाता है कि बच्चे उद्दंड है । ब्लैक ऑफिसर का बेटा भी उसी स्कूल में है और उसे भी बुली किया जा रहा है । बच्चों की उद्दंडता  अंदर तक मिसमिसा देती है और सिहरन भी पैदा करती है । आत्म अवलोकन करें तो पाते हैं हमारे बच्चे भारतीय परिवेश में स्कूलों में किस तरह का बर्ताव कर रहे हैं हमें मालूम ही नहीं है । पुलिस को चाकू की तलाश है और  13 से 15 साल के बच्चे अपने कोड बनाए हुए हैं जिनमें कम्युनिकेशन कर रहे हैं और बुली कर रहे हैं । ब्लैक ऑफिसर का बेटा जिससे उसके संबंध तनाव पूर्ण हैं अपने पिता को बेवकूफ बनते देखता है तो सारे कोड वर्ड स्पष्ट करता है । तब वो जानते हैं विक्टिम कैटी अपराधी जैमी को बुली करती थी और सैक्स के मुद्दे पर उसको असफल सिद्ध करती थी कि जैमी हमेशा वर्जिन रहेगा । उसी नाराज़गी में खून किया गया है । आश्चर्य है 13 साल के बच्चे सैक्स और उससे जुड़े अनुभवों के लिए मर्डर तक पहुंच रहे हैं। हम जब 13 साल के थे तो सामान्य  फिल्म देखने मिल जाए उसी में प्रसन्न रहते थे । फैशन tv देखना अपराध था। समय बदल रहा है इंटरनेट ott और tv ने सब कुछ ओपन कर दिया है । बच्चों को देखा जाना उनकी गतिविधि और संगति पर ध्यान बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। स्कूल टीचर्स के फीड बैक्स को विस्तारित समझना चाहिए ।
                                   मुझे याद है कॉलेज के भैया लोगों के साथ में मैं क्रिकेट खेल रहा था पापा घर समय से आ गए उनने देखा और बहनों से घर बुलवा लिया । पूछा कबसे बड़े लड़कों के साथ खेल रहे हो बताया एकाध हफ्ता हुआ है । तुरंत पूछा साथ के दोस्त कहां गए मैने बोला बड़े भैया लोगों ने बुला लिया तो अपने दोस्तों को छोड़ दिया । जिसे मैंने तरक्की माना पिताजी ने बिगड़ने की राह समझी तुरंत ताक़ीद की कि बड़े लोगों के साथ बिगड़ जाओगे हम उम्र के साथ खेलो । नज़र और नजरिया साफ था पिताजी का ,बड़ी उम्र का साथ बिगाड़ता है । जीवन की आपा धापी और  मिली सुख सुविधाएं बच्चों को ग़ैर ज़िम्मेदार बना रहा है। उनमें कोई अपराध बोध ही नहीं है । इस भाग के अंत में ब्लैक ऑफिसर अपने बेटे से सुलह करता है और संबंध सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाता है ।
                                         तीसरा भाग – इस सीरीज का सबसे महत्वपूर्ण भाग और रोंगटे खड़े कर देने वाला यदि कोई भाग है तो यह हिस्सा है। इस हिस्से में अपराधी जैमी और साइकोलॉजिस्ट की बात दिखाई गई है। अपराधी 7 महीने से अधिक का समय बच्चों की जेल में बिता चुका है और अकेले रहने के कारण वह बहुत ही वायलेंट हो गया है । उसकी सभी गतिविधियां हिंसात्मक हो गई है, महिला परामर्श अधिकारी जिससे साइकोलॉजिस्ट भी कहा जा सकता है वह जब जैमी से बात करने के लिए कांफ्रेंस रूम में आती है तो उसको वहां के सुरक्षा अधिकारी चेतावनी देते हैं और उससे कहते हैं कि पहले ही इनसीडेंस में यदि आपको लगे की हिंसा होने का  डर है तो आप हमें तुरंत इशारा करिए सुरक्षा अधिकारी बिल्कुल गेट पर खड़ा रहेगा और आपकी मदद के लिए तुरंत मौजूद रहेगा । इस भाग में एक बार जब परामर्श अधिकारी और जैमी  आमने सामने चर्चा के लिए बैठते हैं तो 30 से 40 मिनिट का डिस्कशन  सिंगल शॉट में फिल्माया गया है। डायलॉग्स याद रखना और सजीव अभिनय में दोनों ही कलाकारों द्वारा कमाल किया गया है।  जैमी द्वारा अविश्वास और नफरत के संवाद, एक 13 वर्षीय बच्चे द्वारा साइकोलॉजिस्ट को हतप्रभ कर देते हैं । दोनों अपने अभिनय में  शिखर को छूते हैं । एक दर्शक के रूप में जब जैमी  का बर्ताव देखते हैं तो जो 7 महीने में जेल में रहने के बाद परिवार से अलग रहने के बाद उसमें जो अग्रेशन आया है उसके व्यवहार में जो उग्रता आई है नाराजगी आई है वह आश्चर्य चकित कर देती है । वह बच्चा जो अपराध करने के बाद पुलिस को देखकर पेंट में सुसु कर देता है वही बच्चा 7 महीने एकांत में जेल में रहने के बाद साइकोलॉजिस्ट को निरुत्तर कर देता है । जैमी का बर्ताव परिवार से अलग रहने के बाद  अन्य सस्पेक्टस और सुरक्षा अधिकारियों के साथ रहने के बाद परिवर्तन को सूचित करता है और साथ ही यह भी बतलाता है की परिवार और उसका साथ बच्चों के लिए कितना आवश्यक है । जैमी यह मान चुका है की साइकोलॉजिस्ट, जज को उसकी खराब रिपोर्ट देगी जिससे उसे एक लंबी सजा हो सकती है और इस पूरे एपिसोड को देखने के बाद जो पॉइंट हमें समझना चाहिए की बच्चों के व्यवहार में यदि परिवर्तन आ रहा है,  सामान्य बर्ताव में यदि हिंसात्मक हो रहा है, तो उनके कारण को खोजना चाहिए । घर परिवार में बच्चों से बात करनी चाहिए,घर के माहौल को इस तरह से सुखद रखना चाहिए और कम्युनिकेटिव भी रखना चाहिए जिससे बच्चे निडर होकर अपनी बात कह सके और अपराध की ओर ना मुडें ।
    चौथा और समापन भाग-कोई भी अपराध है जब घटित होता है तो उसके दो  सबसे महत्वपूर्ण भाग रहते हैं , एक जिसनेअपराध  किया है उसने किन परिस्थितियों में अपराध किया है और उसके बाद उसका जीवन कैसा रहेगा ।
                                        दूसरा हिस्सा है वह  उस  समाजमें रहकर, उस परिवार में रहकर अपराधी बना या परिस्थितियों में अपराधी बना उसके बाद परिवार पर क्या बीतेगी ,परिवार का क्या रिएक्शन रहेगा और परिवार के आसपास का समाज किस तरह से रिएक्ट करेगा । अपराध घटे लगभग 9 महीने का समय हो चुका है, जैमी के पिताजी का उस दिन जन्मदिन है और 9 महीने बाद भी जैमी  की मां पिताजी और बहन सामान्य नहीं हो पाए हैं। जैमी के पिताजी के जन्मदिन को सेलिब्रेशन को लेकर के उनके मन में ऊहापोह है और उन लोग उस दुख को भूलने के लिए जो उनके परिवार पर पड़ा है विभिन्न तरह की योजनाएं बना रहे हैं । बहुत बारीकी से उसका चित्रण किया गया है सामान्य रूप से सिनेमा में सीरियल में हम उन तरह की बातों को जिसे हम दिन प्रतिदिन कोई घटना घटित होने के बाद गुजरते हैं वह बतलाई ही नहीं जाती है और जब तक व्यक्ति पर बीतती नहीं है तब तक वह उस  दुख को महसूस नहीं कर पाता है । आसपास के लोग भी जो रह रहे हैं वह भी परिवार को तंग  करते हैं या वास्ता नहीं रखते । परिवार को परेशान करते हैं,असल में वह समझ ही नहीं पाते हैं कि वह परिवार भी इस अपराधिक घटना से परेशानी में है, दुख में है , उबर नहीं पाया है। समाज कहीं का भी हो वह एकदम से अजीबोगरीब व्यवहार करने लगता है, इस परिवार के साथ ब्रिटेन में आस-पड़ोस के बच्चे उनकी वैन  पर अशोभनीय बातें जो अपराध से संबंधित रहती हैं  पेंट  से लिख देते हैं । पिता को भी बात करते दिखाया गया है की बच्चों ने जो मांगा था उसने वह दिया । बच्चा देर रात तक कंप्यूटर में उलझा रहता था देखा नहीं,टोंका भी नहीं।  वह दिनभर अपने काम में उलझा रहा सभी परिवारों के साथ ऐसा होता है जहां वर्किंग मदर फादर है वहां तो यह और ज्यादा होता है की बच्चों के पालन में हम उनके द्वारा मांगी गई वस्तु देकर के ही कर्तव्य की पूर्ति कर लेते हैं । हम यह ध्यान ही नहीं दे पाते कि बच्चे क्या कर रहे हैं और जहां पर पिता अकेला काम रहा है वहां पर भी हमने देखा है की परिवार के सदस्य या शेष पैरंट बच्चों की गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं रख पाते और यदि नियंत्रण रखने का प्रयास किया जाए तो बच्चे हिंसक हो जाते हैं । हम में से कितने लोग जानते हैं कि हमारे बच्चों के सबसे अच्छे दोस्त कौन से हैं, वह किन के साथ मिल रहे हैं, उनकी स्कूल में किन लोगों से दोस्ती है, घर के आसपास किन लोगों से दोस्ती है, वह क्या खेल रहे हैं, उनकी सोशल मीडिया एक्टिविटी क्या है । हम लोग यदि ढूंढने पर आए तो पाएंगे कि हमारे बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट्स बने हुए हैं, पर वह लॉक्ड हैं और यदि हम उनकी उसे दुनिया में शामिल होना चाहते हैं तो वह प्राइवेसी की बात करके हमें उससे अलग कर देते हैं । इसके विपरीत कई जगह कई लोग बच्चों में धार्मिक कट्टरता भेदभाव बहुत शुरुआत के दिनों से समझा और पढ़ा रहे हैं । हमें क्या करना चाहिए हमें बच्चों से किस स्तर पर बातचीत करके रखनी चाहिए, एडोलसेंस सीरीज का चौथा पार्ट पाठ्यक्रम है, इसे आवश्यक रूप से बड़े होते हुए बच्चों को प्रत्येक महीने में स्कूल में आवश्यक रूप से दिखाना चाहिए । सोशल मीडिया पर ही एक रील थी जो चीन में छोटे-छोटे बच्चों को दिखाई जा रही थी कि आपका घर चलाने के लिए आपके लालन-पालन के लिए माता-पिता कितनी कठिन परिस्थितियों में कार्य कर रहे हैं और परिवार को मैनेज कर रहे हैं । एक और भारतीय रील भारतीय कलाकारों के साथ बनाई गई थी उसकी हेडिंग थी पैसा यूं ही नहीं आ जाता है उसमें भी बताया था लेडिस गारमेंट की शॉप में सूट बेचने के लिए साड़ी बेचने के लिए सेल्समेन पहन कर दिखा रहा है और भी कई संदर्भ थे ।बच्चों से संपर्क में रहें और समझाते रहें  हर बात का समय आयेगा अभी पढ़ने और सीखने का समय है।
                                     चौथा भाग यह भी बताता है कि परिवार की समस्या सिर्फ उसकी है, समाज सिर्फ तमाशबीन है,  समाज सहानुभूति भी डिप्लोमेटिक तरीके से दिखाता है। सच यही है सबको अपनी ही लड़ाई लड़नी है।  अंत में जैमी का फोन आता है वो अपराध स्वीकार करके सजा भुगतने के लिए तैयार है ।

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